हजरत अब्दुल्लाह बिन उमर बिन आस रजि. बयान करते है कि रसूलुल्लाह स.अ.स. ने फरमाया, आदमी का वालिदेन को गाली देना कबीरा गुनाहों में से है । आप स.अ.स. से सवाल हुआ, ऐ अल्लाह के रसूल ! क्या कोई आदमी अपने वालिदेन को गाली दे सकता है ? फरमाया, अगर आप किसी के मॉं बाप को गली देते है तो वो उसके मॉं बाप को गाली देता है ।
मफ़हूम – मुआशरे में बिल्वास्ता गाली देना भी एक इन्तिहाई मअ़यूब काम है जिसका इर्तिकाब किसी मुसलमान को जै़ब नहीं देता ।
📗 सही मुस्लिम जिल्द 1, पेज नं. 360